pulwama
पुलवामा में पिछले साल हुई इस घटना को लेकर सीआरपीएफ़ की ख़ुफ़िया नाकामी से लेकर क़ाफ़िले की सुरक्षा पर तमाम सवाल पूछे गए थे.
कई सीआरपीएफ़ अफ़सरों ने बीबीसी से पुष्टि की थी कि इस आत्मघाती हमले के बाद किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर एक वरिष्ठ अफ़सर ने बताया, "पुलवामा हमले के दौरान कोई चूक नहीं हुई थी इसलिए किसी पर कार्रवाई करने का कोई सवाल ही नहीं है. उस दिन हम हर प्रकार के हमले के लिए तैयार थे लेकिन वाहन के ज़रिए विस्फोटक हमले (विहिकल बोर्न इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोज़िव डिवाइस) के लिए हम तैयार नहीं थे. यह उसी तरह से है कि परीक्षा में वो सवाल पूछा जाए जो सिलेबस में ही नहीं है."
हालांकि, सीआरपीएफ़ के अधिकारी के बयान से इतर एक डाटा है जिससे पता चला है कि चरमपंथियों ने कोई पहली बार वाहन को विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया था.
अब क्या बदला है?
नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर सीआरपीएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जम्मू और श्रीनगर के बीच सीआरपीएफ़ जवानों को हवाई मार्ग से लाने ले जाने के लिए हमारी हवाई सेवा की क्षमता बेहद कम है. अब जवान निजी उड़ान ले सकते हैं और सरकार उसका पैसा उन्हें वापस देगी."
जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर सीसीटीवी नेटवर्क का काम जारी है. इस नेटवर्क के तैयार होने के बाद इसका सीधा प्रसारण उपलब्ध होगा जिसके बाद यह उम्मीद है कि निगरानी और सुरक्षा चुनौतियों में ये मदद करेगा.
सुरक्षाबलों के क़ाफ़िले के गुज़रने के समय हाइवे के किनारे खड़े ट्रकों को हटाने के लिए क्या किया जा सकता है इसकी भी कोशिशें जारी हैं.
इस हमले की जाँच की चार्जशीट अब तक कोर्ट में जमा नहीं की जा सकी है.
पिछले साल 20 फ़रवरी को इस मामले की जाँच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी, चार्जशीट पेश न करने की उसकी कई वजहें हैं.
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हमने एनआईए से इस मामले की प्रगति के बारे में कुछ सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि वाहन के मालिक से लेकर हमलावर की पहचान के अलावा, किस तरह का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था इसकी पहचान की गई है साथ ही 'इस हमले की साज़िश का पता लगाया जा रहा है.' एनआईए इन्हीं को अपनी सफलता मान रही है.
एनआईए ने अपने बयान में कहा, "जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने हमले के फ़ौरन बाद इसकी ज़िम्मेदारी लेते हुए कई मीडिया समूहों को अपना बयान भेजा था. जैश के प्रवक्ता ने अपना बयान भेजने के लिए जिस आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया था उसको ट्रेस किया गया जो पाकिस्तान में था."
"पुलवामा हमले की जाँच के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया जो घाटी में सक्रिय था. जैश के इन समर्थकों पर मामला दर्ज किया गया. इसमें यूएपीए के तहत 8 लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है. इसके कारण दक्षिण कश्मीर में जैश की कमर टूट गई."
जांच पर क्या बोला NIA?
एनआईए से जब ये पूछा गया कि चार्जशीट अब तक क्यों नहीं फ़ाइल की गई है तो उनका कहना था, "जो कारण बताए गए हैं, उन्हीं कारणों से चार्जशीट अब तक जमा नहीं की गई है."
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