ARTICALE - 49(P)अगर आपका वोट चोरी हो जाए तो ऐसे करें हासिल
टेंडर वोट क्या है? अगर हमारा वोट कोई और डाल दे, तो इसे धारा 49(पी) के तहत वोट का चोरी होना कहा जाता है. चुनाव आयोग ने साल 1961 में इस धारा को संशोधित कर शामिल किया था. इसके तहत वोट करने के असल हक़दार को दोबारा वोट करने का अधिकार दिया जा सकता है. यही वोट टेंडर वोट कहलाता है. यह धारा काम कैसे करती है ओसमानिया यूनिवर्सिटी के लीगल सेल के निदेशक डॉ. वेंकटेश्वरलू ने बीबीसी को इस बारे में बताया, ''अगर कोई दूसरा व्यक्ति फ़र्ज़ी तरीक़े से आपका वोट डाल दे तब धारा 49 (पी) के ज़रिए इस वोट को निरस्त किया जा सकता है. इसके बाद असल मतदाता को दोबारा वोट करने का मौक़ा दिया जाता है.'' धारा 49(पी) का इस्तेमाल कैसे किए जा सकता है. इस बारे में डॉ. वेंकटेश्वरलू समझाते हैं, ''जो भी व्यक्ति इस धारा का इस्तेमाल करना चाहता है, सबसे पहले वो अपनी वोटर आईडी पीठासीन अधिकारी को दिखाए. इसके साथ ही फ़ॉर्म 17 (बी) पर भी हस्ताक्षर कर जमा करना होता है. बैलेट पेपर को मतगणना केंद्र में भेजा जाता है. धारा 49 (पी) का इस्तेमाल करते हुए कोई व्यक्ति ईवीएम के ज़रिए वोट नहीं डाल पाता.'' इमेज स्रोत,...