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पुलवामा आतंकी हमले की बरसी आज : पूरा देश दे रहा श्रद्धांजलि, 40 शहीदों में उत्तर प्रदेश के 12 जांबाज
14 फरवरी के दिन जहां प्रेमी जोड़े वेलेंटाइन डे मनाते हैं वहीं आज ही के दिन पूरा देश पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए देश के 40 जांबाजों की शहादत को नम आंखों से श्रद्धांजलि भी देता है।
पुलवामा आतंकी हमले को तीन साल हो चुके हैं पर इसके जख्म और दर्द आज भी हरे हैं। आज पूरा देश नम आखों से पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी है। आज ही के दिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इनमें 12 जांबाज उत्तर प्रदेश के थे।
पुलवामा आतंकी हमले को तीन साल हो चुके हैं पर इसके जख्म और दर्द आज भी हरे हैं। आज पूरा देश नम आखों से पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी है। आज ही के दिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इनमें 12 जांबाज उत्तर प्रदेश के थे।पुलवामा आतंकी हमले को तीन साल हो चुके हैं पर इसके जख्म और दर्द आज भी हरे हैं। आज पूरा देश नम आखों से पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी है। आज ही के दिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इनमें 12 जांबाज उत्तर प्र
पुलवामा आतंकी हमले की बरसी आज: पूरा देश दे रहा श्रद्धांजलि, 40 शहीदों में उत्तर प्रदेश के 12 जांबाज
14 फरवरी के दिन जहां प्रेमी जोड़े वेलेंटाइन डे मनाते हैं वहीं आज ही के दिन पूरा देश पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए देश के 40 जांबाजों की शहादत को नम आंखों से श्रद्धांजलि भी देता है।
पुलवामा आतंकी हमले की बरसी आज: पूरा देश दे रहा श्रद्धांजलि, 40 शहीदों में उत्तर प्रदेश के 12 जांब j
पुलवामा आतंकी हमले को तीन साल हो चुके हैं पर इसके जख्म और दर्द आज भी हरे हैं। आज पूरा देश नम आखों से पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी है। आज ही के दिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इनमें 12 जांबाज उत्तर प्रदेश के थे।
14 फरवरी को हुआ था आतंकी हमला: 14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से बसों में सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सीआरपीएफ का काफिला पुलवामा पहुंचा ही था, तभी सड़क की दूसरे तरफ से आ रही एक कार ने सीआरपीएफ के काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्कर मार दी। जैसे ही सामने से आ रही विस्फोटक लदी गाड़ी जवानों के काफिले से टकराई, वैसे ही उसमें विस्फोट हो गया। इस घातक हमले में सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हुए थे।
भारत की आन और शान के लिए अपनी जान न्योछावार करने वाले 40 शहीद जवानों में से 12 उत्तर प्रदेश के सपूत थे। इनमें दो जवान शामली जिले के थे। उत्तर प्रदेश के शहीद जवानों में चंदौली के अवधेश कुमार, प्रयागराज के महेश कुमार, शामली के प्रदीप कुमार प्रजापति व अमित कुमार, वाराणसी के शहीद रमेश यादव, आगरा के कौशल कुमार रावत, उन्नाव के अजीत कुमार, कानपुर देहात के श्याम बाबू, कन्नौज के प्रदीप सिंह यादव, देवरिया के विजय कुमार मौर्य, महराजगंज के पंकज त्रिपाठी व मैनपुरी के राम वकील ने अपनी जान देश के लिए न्योछावर कर दी थी। यह सभी जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने में लगे ।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए उन्नाव शहर कोतवाली के लोक नगर मोहल्ला के रहने वाले प्यारेलाल के 35 वर्षीय पुत्र अजीत कुमार आजाद 115वीं बटालियन में सीआई के पद पर तैनात थे। 14 फरवरी की शाम शहादत की खबर मिलते ही मां राजवती, पत्नी मीना व दो बेटियों ईशा और श्रेया का रो-रोकर बुरा हाल था। वाराणसी के मिलकोपुर के लाल रमेश यादव भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए थे।
न् के तिर्वा के सुख्सेंपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी उस बटालियन में शामिल थे, जिसे आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था। प्रदीप अपने पीछे पत्नी नीरज और दो बेटी सुप्रिया यादव और सोना यादव छोड़ गए हैं।
प्रयागराज के मेजा के महेश कुमार भी शहीद हुए जवानों में शामिल हैं। महेश 118 बटालियन में तैनात थे।
पुलवामा में आतंकी हमले में जनपद कानपुर देहात का भी एक लाल शहीद हुआ था। कानपुर देहात के डेरापुर थाना के रैगवा के रहने वाले श्याम बाबू शहीद हो गए थे। बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करते हुए ही 2007 में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। श्याम बाबू के दो बच्चे हैं। उनकी एक पुत्री पांच वर्ष की है जबकि चार वर्षीय पुत्र है।
पुलवामा के आतंकी हमले में चंदौली के लाल अवधेश यादव भी शहीद हो गए। अवधेश यादव 45वीं बटालियन में तैनात था। वह रेडियो आपरेटर सिग्नल पद पर तैनात थे। वह मुगलसराय कोतवाली के बहादुरपुर गांव के रहने वाले थे।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में शामली के दो जवान शहीद हुए थे। शहीद होने वालों में आदर्श मंडी क्षेत्र के बनत के प्रदीप कुमार प्रजापति और रेलपार कालोनी के अमित कुमार शामिल हैं। शहीद सैनिक अमित पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनकी एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है।
शहीद जवान प्रदीप का मकान बनत के मोहल्ला प्रताप नगर में है। 2005 में प्रदीप सीआरपीएफ की 21 वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। उनकी ड्यूटी डल झील पर पर्यटकों की सुरक्षा में लगी थी। पत्नी कामिनी के अलावा प्रदीप के दो बेटे सिद्धार्थ (15) और चीकू (14) है। शामली शुगर मिल से सेवानिवृत्त प्रदीप के पिता जगदीश प्रजापति ने बताया कि उस काली शाम में लगभग छह बजे सीआरपीएफ के कमांडेंट ने फोन पर प्रदीप के शहीद होने की सूचना दी थी।
आगरा के कइरई गांव के जवान कौशल कुमार रावत भी हमले में शहीद हो गए थे। कहरई गांव के निवासी कौशल कुमार रावत (47) केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल में नायक थे। सिलीगुड़ी में 76 बटालियन में तैनात थे।
14 फरवरी की शाम सात बजे उनके रिश्तेदार विनोद कुमार रावत ने परिवार के लोगों को फोन पर आतंकी हमले की जानकारी दी थी। परिजनों ने बताया कि कौशल की पत्नी ममता और दोनों बेटे अभिषेक व विकास गुरुग्राम में रहते हैं। कौशल 15 साल पहले गुरुग्राम में एनएसजी कमांडो थे। तभी से परिवार वहां रहने लगा था।l
देवरिया के भटनी थाना क्षेत्र के छपिया जयदेव गांव के विजय कुमार मौर्य भी हमले में शहीद हुए थे। वह सीआरपीएफ की 82 बटालियन कांस्टेबल पद पर तैनात थे। शहीद के बड़े भाई अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि हेडक्वार्टर से फोन पिता रामायण सिंह के पास आया था। वह नौ साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शादी 2014 में हुई थी। चार साल की एक बेटी है।
विजय कुमार मौर्य सीआरपीएफ में कांस्टेबल बिगुलर के पद पर तैनात थे। विजय नौ साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शादी 2014 में हुई थी। चार साल की उनकी एक बेटी है। पिता रामायण का कहना है कि उन्हें गर्व है, उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है।
महराजगंज जिले के फरेंदा थाना अंतर्गत हरपुर गांव निवासी पंकज कुमार त्रिपाठी सीआरपीएफ में कांस्टेबल चालक के पद पर तैनात थे। पंकज की शादी 2010 में रोहिणी त्रिपाठी से हुई थी। सात साल के बेटे का नाम प्रतीक त्रिपाठी है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में मैनपुरी जिले के जवान रामवकील भी शहीद हुए थे। वह अपनी ससुराल इटावा में पत्नी व बच्चों के साथ रहते थे। 7 फरवरी को घर से ड्यूटी करने गये थे। रामवकील मैनपुरी जनपद के थाना बरनाहल इलाके के विनायकपुर गांव के रहने वाले थे। उनकी तैनाती 176 बटालियन सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर थी।
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