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university in India

भारत में कुल विश्वविद्यालय (2025) भारत में विश्वविद्यालयों की कुल संख्या और उनका विभाजन सरकारी (सरकार द्वारा संचालित) और निजी (प्राइवेट) विश्वविद्यालयों में निम्न प्रकार है: श्रेणी संख्या (2025) कुल विश्वविद्यालय 1,338 सरकारी विश्वविद्यालय लगभग 770–800 निजी विश्वविद्यालय 510 विवरण कुल विश्वविद्यालय: भारत में अप्रैल 2025 तक कुल 1,338 विश्वविद्यालय हैं। सरकारी विश्वविद्यालय: इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, और अन्य सरकारी संस्थान सम्मिलित हैं। अलग-अलग स्रोतों के अनुसार, इनमें: केंद्रीय (Central) विश्वविद्यालय: 56 राज्य (State Public) विश्वविद्यालय: लगभग 495 अन्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त: 128 (Deemed Universities भी इसमें शामिल हैं) कुल मिलाकर यह संख्या लगभग 770–800 के बीच आती है, क्योंकि विभिन्न श्रेणियों को गिनती के हिसाब से जोड़ा जाता है। निजी विश्वविद्यालय: भारत में कुल 510 निजी विश्वविद्यालय दर्ज हैं, जो कुल विश्वविद्यालयों का लगभग 47% हिस्सा हैं। मुख्य तथ्य निजी विश्वविद्यालयों की बढ़ोत्तरी पिछले 15 वर्षों में 480% से अधिक दर्ज की गई है। उच्च शिक्षा क्षेत्र में ...

Who is Richard Wolff and what is his main area of expertiseThe name "Richard Waltf" appears to be a misspelling or confusion with other similar names. Based on available information, the most relevant figures and entities

1Who is Richard Wolff and what is his main area of expertise?  Ans. Richard Wolff is a Marxian economist and professor emeritus of economics at the University of Massachusetts Amherst. He is currently a visiting professor at The New School in New York. His main area of expertise is Marxian economics, with a focus on economic methodology, class analysis, and critiques of capitalism. Wolff is recognized for: Analyzing and critiquing capitalist systems, particularly highlighting instability, inequality, and economic crises. Advocating for worker cooperatives and economic democracy as alternatives to traditional capitalist models. Making Marxist economic theory accessible to the public through books, lectures, and his weekly program Economic Update. He has authored multiple books (such as Understanding Marxism and Capitalism Hits the Fan) and co-founded the non-profit Democracy at Work, which promotes alternatives to capitalism based on cooperative business structure.   2.How...
गाँव में लोगों को रोज़गार (रोज़गार = रोज़ की कमाई का साधन) दिलाने के लिए स्थानीय संसाधनों, कौशल और योजनाओं का सही उपयोग करना ज़रूरी है। नीचे कुछ प्रभावी तरीके दिए गए हैं जिनसे आप गाँव में लोगों को स्थायी और आत्मनिर्भर रोजगार दिला सकते हैं: --- ✅ 1. सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाएँ 🛠️ मनरेगा (MGNREGA) हर गाँव में लागू है हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन काम की गारंटी काम: सड़क बनाना, नाली खुदाई, तालाब सफाई आदि 👉 ग्राम प्रधान इसे सक्रिय करें, मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराएँ 🧵 प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) युवाओं को फ्री में ट्रेनिंग दिलाई जाती है (जैसे सिलाई, मोबाइल रिपेयरिंग, कंप्यूटर, बिजली का काम) 👉 गाँव में एक ट्रेनिंग सेंटर शुरू कराएं 🚜 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना / मत्स्य पालन योजना किसानों को सिंचाई, कृषि यंत्र, मछली पालन के लिए सहायता मिलती है --- ✅ 2. स्थानीय स्तर पर लघु उद्योग शुरू करें 🧺 हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग जैसे: टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, बांस का काम, अगरबत्ती, साबुन बनाना महिलाओं के लिए Self Help Groups (SHGs) बनाकर काम शुरू करें 🥫 फूड प्रोसेसिंग यून...

ग्राम प्रधान के चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म कैसे भरते हैं – आइए इसे चरण-दर-चरण सरल हिंदी में समझते हैं:---🗂 नामांकन फॉर्म क्या होता है?यह एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है जिसे आपको चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए भरना होता है। इसमें आपसे आपकी व्यक्तिगत जानकारी, चुनाव क्षेत्र, जाति प्रमाण, और शपथ पत्र जैसी जानकारियाँ माँगी जाती हैं।---📌 नामांकन फॉर्म भरने की प्रक्रिया:1. चुनाव की अधिसूचना (Notification) का इंतज़ार करेंराज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) जब ग्राम पंचायत चुनाव की तारीख़ घोषित करता है, तब:नामांकन की तारीख़ दी जाती हैनामांकन जमा करने का स्थान बताया जाता है (आमतौर पर ब्लॉक कार्यालय / पंचायत भवन)---2. नामांकन फॉर्म कहां से मिलेगा?ब्लॉक कार्यालय (B.D.O. Office) या तहसील में फॉर्म मिल जाता हैकई राज्यों में अब ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है (राज्य के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से)---3. फॉर्म भरने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़:1. ✅ आपकी पासपोर्ट साइज फोटो2. ✅ वोटर ID कार्ड / आधार कार्ड3. ✅ जाति प्रमाण पत्र (यदि आप आरक्षित सीट से लड़ रहे हैं)4. ✅ जन्म प्रमाण पत्र / शपथ पत्र (उम्र का प्रमाण)5. ✅ मतदाता सूची में नाम होना चाहिए6. ✅ जमानत राशि (₹500–₹1000, राज्य अनुसार) — यह नकद या चालान के रूप में जमा करनी होती है7. ✅ कोई आपराधिक मामला न होने का शपथ पत्र (Affidavit)---4. नामांकन फॉर्म कैसे भरें:फॉर्म में आपको निम्नलिखित जानकारी भरनी होती है:सेक्शन विवरणनाम आपका पूरा नामपिता/पति का नाम जैसा दस्तावेज़ों में हैउम्र और जन्मतिथि सही जानकारी देंपता स्थायी और वर्तमान पताचुनाव क्षेत्र जहाँ से आप चुनाव लड़ना चाहते हैंआरक्षित सीट यदि सीट SC/ST/OBC/महिला के लिए आरक्षित है तो उचित प्रमाण पत्रशपथ पत्र आपको प्रमाणित करना होता है कि आप योग्य हैं और किसी गंभीर अपराध में दोषी नहीं हैं---5. फॉर्म जमा कैसे करें?भरे हुए फॉर्म को निर्वाचन अधिकारी (Election Officer) के पास जमा करें।अधिकारी आपके दस्तावेज़ और पात्रता की जाँच करेंगे।यदि सब ठीक हो, तो आपका नाम चुनावी सूची में उम्मीदवार के रूप में शामिल हो जाएगा।---6. नामांकन रद्द कब होता है?यदि कोई जानकारी गलत होयदि दस्तावेज़ अधूरे होंयदि जमानत राशि जमा न होयदि आप योग्य नहीं हैं (उम्र, शिक्षा, या अपराध की वजह से)---🎯 सुझाव:फॉर्म भरने से पहले किसी अनुभवी व्यक्ति या वकील से सहायता लें।सही और स्पष्ट जानकारी भरें।सभी दस्तावेज़ की फोटोकॉपी + मूल प्रति साथ रखें।समय पर फॉर्म जमा करें — आखिरी दिन भीड़ होती है, इसलिए पहले जमा करना बेहतर है।---अगर आप चाहें तो मैं आपको एक नमूना नामांकन फॉर्म या शपथ पत्र का उदाहरण भी बना सकता हूँ। क्या आप किसी खास राज्य से हैं? अगर बताएं तो राज्य अनुसार प्रक्रिया और फॉर्म लिंक भी दे सकता हूँ।

इन कच्चे माल का उपयोग कैसे किया जाता है और उनकी विशेषताएं क्या हैं?

इन कच्चे माल का उपयोग साबुन बनाने की प्रक्रिया में अलग-अलग भूमिकाओं के लिए किया जाता है, और हर एक की अपनी विशेषताएँ होती हैं: 1. तेल/वसा (Oil/Fat) — तेल या वसा उपयोग: साबुन का मुख्य आधार, जिससे साबुन की सफाई और झाग बनाने की क्षमता आती है। ये पौधों (जैसे नारियल, ताड़, सोयाबीन) या पशु स्रोतों (जैसे तैलीय वसा) से लिए जाते हैं। विशेषताएँ: साबुन को मॉइस्चराइजिंग, मुलायम और त्वचा के लिए सुरक्षित बनाते हैं। अलग-अलग तेलों के मिश्रण से साबुन की गुणवत्ता और प्रकार बदलता है। 2. क्षार (Alkali) — कास्टिक सोडा/सोडियम हाइड्रॉक्साइड उपयोग: वसा/तेल के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया (साबुनीकरण) में इस्तेमाल होता है, जिससे साबुन और ग्लिसरीन बनते हैं। विशेषताएँ: साबुन को ठोस बनाता है; सोडियम हाइड्रॉक्साइड से कठोर साबुन, पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से मुलायम साबुन बनता है। 3. पानी (Water) — पानी उपयोग: साबुनीकरण की प्रक्रिया में घोल बनाने और रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए जरूरी है। विशेषताएँ: सभी कच्चे माल को मिलाने और प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में सहायक। 4. सोडियम सिलिकेट, सोडा ऐश, डोलोमाइट पाउडर उपयोग: कपड़े धोने ...